Tuesday, January 3, 2017

वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पर निबंध

वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पर निबंध
आजकल, विद्यार्थियों के लिए स्कूलों और कॉलेजों में निबंध प्रतियोगिता में निबंध लिखने के लिए दिया जाने वाला विषय वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन है। हम यहाँ विभिन्न शब्द सीमाओं में विद्यार्थियों के लिए ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध उपलब्ध करा रहे हैं। सभी ग्लोबलाइजेशन निबंध बहुत ही सरल शब्दों का प्रयोग करके लिखे गए हैं। प्रिय विद्यार्थियों, आप अपनी जरुरत और आवश्यकता के अनुसार कोई भी वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन निबंध चुन सकते हैं।
ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध
ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध 1 (100 शब्द)
वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन वह प्रक्रिया है, जिसमें व्यापार, सेवाओं या तकनीकियों का पूरे संसार में वृद्धि, विकास और विस्तार किया जाता है। यह विभिन्न व्यापारों या व्यवसायों का पूरे संसार के विश्व बाजार में विस्तार करना है। विश्वभर में आर्थिक अन्तर्निहिता के लिए बहुत बड़े स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय निवेश की आवश्यकता है, जिससे बहुत बड़े बहुराष्ट्रीय कारोबार का विकास किया जा सके। इसके लिए वैश्विक बाजार में व्यवासायों के परस्पर सम्पर्क और आन्तरिक आत्मनिर्भरता को भी बढ़ाना होगा। पिछले कुछ दशकों में, वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन ने तकनीकी उन्नति का रुप ले लिया है, जिसके परिणामस्वरुप लोगों के लिए अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर यात्रा, संचार और व्यापार आसान हो गया है। एक तरफ, जहाँ ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) ने लोगों की तकनीकी तक पहुँच को आसान बना दिया है वहीं दूसरी तरफ, इसने प्रतियोगिता में वृद्धि करके सफलता के अवसरों में कमी की है।

ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध 2 (150 शब्द)
परिचय
वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन, बाजारों की तीव्रता के माध्यम से पूरे विश्वभर में व्यवसाय और तकनीकी की उपलब्धता का निर्माण करना है। ग्लोबलाइजेशन ने इस पूरे विश्व में बहुत से परिवर्तन किए हैं, जहाँ लोग अपने देश से दूसरे देशों में अच्छे अवसरों की तलाश में जा रहे हैं। व्यापार या व्यवसाय के वैश्विकरण के लिए, कम्पनी या कारोबार को अपनी व्यापारिक रणनीति में बदलाव लाने की आवश्यकता होती है। उन्हें अपनी व्यापारिक रणनीति को एक देश को ध्यान में न रखते हुए इस तरह का बनाना होता है, जिससे कि वे बहुत से देशों में कार्य करने में सक्षम हों।
वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन के प्रभाव
वैश्विकरण एक व्यवसाय और कारोबार को बहुत तरीके से प्रभावित करता है। वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन के पूरे विश्व के बाजार पर पड़ने वाले प्रभावों को दो श्रेणियों में विभाजित किया जाता है; बाजार वैश्विकरण या उत्पादन वैश्विकरण। बाजार वैश्विकरण के अन्तर्गत, दूसरे देशों के बाजारों में अपने उत्पादों या सेवाओं को कम कीमत पर बेचा जाता है वहीं दूसरी ओर, उन उत्पादों को घरेलू बाजार में अधिक कीमत पर बेचा जाता है। एक कम्पनी या कारोबार के लिए अपनी सफलता को आसान बनाने के लिए यह बहुत ही आवश्यक है कि, अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में उत्पादों या सेवाओं के विक्रय के वैश्विकरण को बहुत अधिक प्रभावी बनाया जाए। उत्पादन वैश्विकरण के अन्तर्गत, एक कारखाने या कम्पनी द्वारा बहुत से देशों में स्थानीय रुप से कारखानें स्थापित किए जाते हैं और उनमें कम कीमत पर उसी देश के स्थानीय लोगों से कार्य कराया जाता है, जिससे अपने घरेलू देश की तुलना में ज्यादा लाभ प्राप्त किया जाता है।

ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध 3 (200 शब्द)
ग्लोबलाइजेशन पूरे विश्वभर में किसी वस्तु को फैलाना है। हालांकि, आमतौर पर यह उत्पादों, व्यापार, तकनीकी, दर्शन, व्यवसाय, कारोबार, कम्पनी आदि का वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) करना है। यह देश-सीमा या समय-सीमा के बिना बाजार में एक सफल आन्तरिक सम्पर्क का निर्माण करता है। वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन का सबसे सामान्य और स्पष्ट उदाहरण पूरे विश्वभर में मैक-डोनल्स होटलों का विस्तार है। यह पूरे विश्व भर के बाजारों में अपनी प्रभावी रणनीति के कारण बहुत सफल हैं, क्योंकि ये प्रत्येक देश में अपने विवरण (मैन्यू) में उस देश के लोगों की पसंद के अनुसार वस्तुओं को शामिल करता है। इसे अन्तर्राष्ट्रीयकरण भी कहा जा सकता है, जो वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन और स्थानीयकरण का मिश्रण है।
यह सुनिश्चित करना बहुत ही कठिन है कि, वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन मानवता के लिए लाभप्रद है या हानिकारक। यह आज भी बड़े असमंजस का विषय है। फिर भी, इस बात को नजरअंदाज करना बहुत ही कठिन है कि, वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) ने पूरे विश्वभर में लोगों के लिए महान अवसरों का निर्माण किया है। इसने समाज में लोगों की जीवन-शैली और स्तर में बड़े स्तर पर बदलाव किया है। यह विकासशील देशों या राष्ट्रों के लिए विकसित होने के बहुत से अवसरों को प्रदान करता है, जो ऐसे देशों के लिए बहुत आवश्यक है। यदि हम इसे सकारात्मकता के नजरिये से देखें तो, इसने क्षेत्रीय विविधता का उन्मूलन किया है और पूरे विश्वभर में एक जानी पहचानी संस्कृति को स्थापित किया है। इसे संचार तकनीकी द्वारा सहयोग दिया जाता है और विभिन्न देशों के व्यवसायों, कम्पनियों, सरकार और लोगों के बीच में पारस्परिक वार्तालाप और सम्पर्क को दिखाता है। वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) सकारात्मक और नकारात्मक रुप से परम्परा, संस्कृति, राजनीतिक व्यवस्था, आर्थिक विकास, जीवन शैली, समृद्धि आदि को प्रभावित करता है।

ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध 4 (250 शब्द)
पिछले कुछ दशकों में, वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन बहुत तेजी से हुआ है, जिसके परिणामस्वरुप, पूरे विश्वभर में आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक पारस्परिकता में तकनीकी, दूर संचार, यातायात आदि की उन्नति के माध्यम से वृद्धि हुई है। यह मानव जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ढ़ंगों से प्रभावित किया है। इसके नकारात्मक प्रभावों को समय-समय पर सुधारने की आवश्यकता है। वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) ने पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था को बहुत से सकारात्मक तरीकों से प्रभावित किया है। विज्ञान और तकनीकियों की अविश्वसनीय उन्नति ने व्यवसाय या व्यापार को सभी सुरक्षित सीमाओं तक आसानी से विस्तार करने की आश्चर्यजनक अवसरों को प्रदान किया है।
वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) के कारण, कम्पनियों या कारखानों की बड़े स्तर पर आर्थिक वृद्धि हुई है। वे पहले से भी अधिक उत्पादक हो गई हैं और इस प्रकार, अधिक प्रतियोगी संसार का निर्माण कर रही है। उत्पादों, सेवों आदि की गुणवत्ता में प्रतियोगिता बढ़ती जा रही है। विकसित देशों की सफल कम्पनियाँ विदेशों में अपनी कम्पनियों की शाखाओं को स्थापित कर रही हैं, जिससे उन्हें सस्ते श्रम और कम मजदूरी के माध्यम से स्थानीयकरण का लाभ मिले। इस तरह की व्यवसायिक गतिविधियाँ विकसित देशों या गरीब देशों के लोगों को रोजगार मिलता है। इस प्रकार, उन्हें आगे बढ़ने का मौका मिलता है।
ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) के सकारात्मक आयामों के साथ ही इसके नकारात्मक प्रभावों को भी भूलने योग्य नहीं है। एक देश से दूसरे देश के बीच में यातायात के साधनों द्वारा घातक बीमारियों और छूत की बीमारियों को होने का जोखिम बढ़ गया है। मानव जीवन पर वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) के बुरे प्रभावों को रोकने के लिए, सभी देशों की सरकारों का वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पर पूरा नियंत्रण होना चाहिए।
ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध 5 (350 शब्द)
वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन पूरे संसार में विज्ञान, तकनीकियों, व्यवसाय आदि का यातायात, संचार और व्यापार के साधनों के माध्यम से फैलाने की प्रक्रिया है। वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) लगभग सभी देशों को बहुत से तरीकों से जैसे; सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और मनौवैज्ञानिक रुप से भी प्रभावित करता है। वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन वो प्रकार है, जो व्यापार, व्यवससाय और तकनीकियों के क्षेत्र में देशों की तेज और निरंतर पारस्परिकता और अन्तर्निहिता का संकेत करता है। ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) का प्रभाव परम्परा, वातावरण, संस्कृति, सुरक्षा, जीवन-शैली और विचारों में देखा जा सकता है। ऐसे बहुत से तत्व हैं, जो वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) को पूरे विश्वभर में प्रभावित और त्वरित (बहुत तेज) करते हैं।
वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन में तेजी का कारण लोगों की माँग, मुक्त व्यापार गतिविधियाँ, विश्वभर में बाजारों को स्वीकृति, नई तकनीकियों का समावेश, विज्ञान के क्षेत्र में नई तकनीकियों का समावेश, विज्ञान में शोध आदि है। वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन वातावरण पर बहुत से नकारात्मक प्रभाव डालता है और बहुत से पर्यावरणीय मुद्दों की उत्पत्ति करता है; जैसे- जल प्रदूषण, वनोल्मूलन, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, जल संसाधनों का प्रदूषित होना, मौसमों का बदलना, जैव विविधता को हानि आदि। सभी बढ़ते हुए पर्यावरणीय मुद्दों को अन्तर्राष्ट्रीय प्रयासों के द्वारा तत्कालिक आधार पर सुलझाने की आवश्यकता है, अन्यथा वे भविष्य में पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व खत्म कर सकते हैं।
पर्यावरणीय हानि को रोकने के लिए, पर्यावरणीय तकनीकियों का वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन और बड़े स्तर पर लोगों के बीच पर्यावरणीय जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है। वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) के नकारात्मक प्रभावों का सामना करने के लिए, कम्पनियों या कारखानों को हरियाली को विकसित करने वाली तकनीकी को अपनाने की आवश्यकता है, जो वर्तमान पर्यावरणीय स्थिति को बदल सके। फिर भी, ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) ने पर्यावरण को सुरक्षित रखने के लिए बहुत से साधनों में सुधार करने (पर्यारण पर पड़ने वाले प्रतिकूल प्रभाव कम करके, जैसे- मिश्रित (हाईब्रिड) कारों का प्रयोग जो कम तेल का उपयोग करती हैं) और शिक्षा को बढ़ावा देकर सकारात्मक रुप से बहुत अधिक मदद की है।
एप्पल के ब्रांड ने वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन के नकारात्मक प्रभावों को कम करने और सकारात्मक प्रभावों को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण के अनुरुप उत्पादों का निर्माण करने का लक्ष्य रखा है। हमेशा बढ़ती जनसंख्या की माँग बड़े स्तर पर वनोल्मूलन की ओर ले जा रही हैं जो सबसे बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा है। अभी तक, लगभग आधे से भी अधिक लाभदायक जंगल या वन बीते वर्षों में काटे जा चुके हैं। इसलिए, वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) के नकारात्मक प्रभावों को नियंत्रण में लाने के लिए ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) का निर्माण करने की आवश्यकता है।

ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) पर निबंध 6 (500 शब्द)
परिचय
वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए व्यवसाय को बढ़ाने, तकनीकी वृद्धि, अर्थव्यवस्था में सुधार करने आदि का तरीका है। इस तरह से, निर्माणकर्ता या उत्पादक अपने उत्पादों या वस्तुओं को पूरे विश्व में बिना किसी बाधा के बेच सकते हैं। यह व्यवसायी या व्यापारी को बड़े स्तर पर लाभ प्रदान करता है, क्योंकि उन्हें ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) के माध्यम से गरीब देशों में आसानी से कम कीमत पर मजदूर मिल जाते है। यह कम्पनियों को बड़े स्तर वैश्विक बाजार में अवसर प्रदान करता है। यह किसी भी देश को भागीदारी, मिश्रित कारखानों की स्थापना, समता अंशों में निवेश, उत्पादों या किसी भी देश की सेवाओं का विक्रय आदि करने की सुविधा प्रदान करता है।
ग्लोबलाइजेशन या वैश्विकरण कैसे काम करता है
वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) पूरे विश्व के बाजार को एक बाजार मानने में मदद करता है। व्यापारी व्यवसाय के क्षेत्र को संसार को एक वैश्विक गाँव मानकर बढ़ाते हैं। 1990 के दशक से पहले, भारत में कुछ निश्चित उत्पादों का आयात करने पर रोक थी, जिनका निर्माण पहले से ही भारत में किया जाता था; जैसे- कृषि उत्पाद, इंजीनियरिंग वस्तुएं, खाद्य वस्तुएं आदि। यद्यपि, 1990 के दशक में धनी देशों का विश्व व्यापार संगठन, विश्व बैंक और अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष पर गरीब और विकासशील देशों में अपने व्यवसाय को फैलाने के लिए दबाव था। भारत में उदारीकरण और वैश्विकरण की शुरुआत 1991 में संघीय वित्त मंत्री (मनमोहन सिंह) द्वारा की गयी थी।
बहुत सालों के बाद, वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) के कारण भारतीय बाजार में मुख्य क्रान्ति आई, जब बहुत से बहुराष्ट्रीय ब्रांड़ों ने, जैसे – पेप्सीको, के.एफ.सी, मैक-डोनल्ड, आई.बी.एम, नोकिया आदि ने भारत में सस्ती कीमत पर विभिन्न विस्तृत गुणवत्ता के उत्पादों की बिक्री की। सभी नेतृत्वकर्ता ब्रांडों ने वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन की वास्तविक क्रान्ति को प्रदर्शित किया, जिसके परिणामस्वरुप यहाँ आद्यौगिकीकरण और अर्थव्यवस्था में चौकाने वाली वृद्धि हुई। बाजार में गला काट प्रतियोगिता के कारण गुणवत्ता वाले उत्पादों की कीमत कम हो गई।
भारतीय बाजार में व्यवसायों के वैश्विकरण, ग्लोबलाइजेशन और उदारीकरण ने गुणवत्तापूर्ण विदेशी उत्पादों की बाढ़ सी आ गई हालांकि, इसने स्थानीय भारतीय बाजार को बहुत अधिक प्रभावित किया। इसके परिणामस्वरुप गरीब और अनपढ़ भारतीय कामगारों की नौकरी चली गई। ग्लोबलाइजेशन (वैश्विकरण) सभी उपभोक्ताओं के लिए बहुत अधिक लाभदायक है हालांकि, छोटे स्तर के भारतीय उत्पादकों के लिए बहुत ही हानिकारक है।
वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) के सकारात्मक प्रभाव
वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन ने भारतीय विद्यार्थियों और शिक्षा के क्षेत्र को इंटरनेट के माध्यम से विदेशी विश्वविद्यालयों को भारतीय विश्वविद्यालयों से जोड़ा है, जिसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ी क्रान्ति आई है।वैश्विकरण या ग्लोबलाइजेशन के द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र भी प्रभावित हुआ है, इसके कारण सामान्य दवाईयाँ, स्वास्थ्य को नियमित करने वाली विद्युत मशीन आदि से उपलब्ध हो जाती है।ग्लोबलाइजेशन या वैश्विकरण ने कृषि क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के बीजों की किस्मों को लाकर उत्पादन को बड़े स्तर पर प्रभावित किया। यद्यपि, यह महँगे बीजों और कृषि तकनीकियों के कारण गरीब भारतीय किसानों के लिए अच्छा नहीं है।यह रोजगार क्षेत्र में भी व्यापार, जैसे; लघु उद्योग, हाथ के कारखानें, कॉरपेट, ज्वैलरी और काँच के व्यवसाय आदि को बढ़ाने के माध्यम से, बड़े स्तर पर क्रान्ति लाया है।
निष्कर्ष:
वैश्विकरण (ग्लोबलाइजेशन) वहन करने योग्य कीमत पर गुणवत्ता पूर्ण विभिन्न उत्पादों लाने और विकसित देशों के साथ ही बड़ी जनसंख्या को रोजगार प्रदान किया है। यद्यपि, इसने प्रतियोगिता, अपराध, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, आतंकवाद आदि को बढ़ाया है। इसलिए, यह खुशियों के साथ कुछ दुखों को भी लाता है।

Essay importance of computer (कंप्यूटर पर निबंध)

कंप्यूटर पर निबंध

कंप्यूटर के विषय में सीखने और समझने के लिये बेहद आसान भाषण और निबंध के द्वारा इसको समझा जा सकता है। कम्प्यूटर एक उच्च तकनीकी खोज है, जिसके बारे में और जीवन में इसके इस्तेमाल के महत्व को समझना चाहिये। इसे बच्चों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। तो चलिये इसके माध्यम से बच्चों की शिक्षा में कुछ रचनात्मक किया जाए। इसके लिये कुछ शब्द सीमाओं जैसे 100, 150, 200, 250, 300 और 400 शब्दों के भीतर आसान और समझने योग्य निबंध प्रस्तुत किया गया है।

कंप्यूटर पर निबंध

कंप्यूटर पर निबंध 1 (100 शब्द)

आधुनिक तकनीक की महान खोज है कम्प्यूटर। ये एक सामान्य मशीन है जो अपनी मेमोरी में ढ़ेर सारे डाटा को सुरक्षित रखने की दक्षता रखता है। ये इनपुट (जैसे की-बोर्ड) और आउटपुट(प्रिंटर) के इस्तेमाल से काम करता है। ये इस्तेमाल करने में बेहद आसान है इसलिये कोई बच्चा भी इसपर काम कर सकता है। ये बहुत ही भरोसेमंद है जिसे हम अपने साथ रख सकते है और कहीं भी और कभी भी प्रयोग कर सकते है। इससे हम अपने पुराने डेटा में बदलाव के साथ नया डेटा भी बना सकते है। कंप्यूटर एक नई तकनीक है जो कार्यालय, बैंक, शिक्षण संस्थान आदि में उपयोग किया जाता है।

 

कंप्यूटर पर निबंध 2 (150 शब्द)

कंप्यूटर आज लोगों के जीवन में बेहद सहज और प्राथमिक बन चुका है। ये कम समय में एक से अधिक कार्य संपन्न कर सकता है। ये कम समय खर्च करते हुए अकेले ही कई इंसानों के बराबर काम करने के योग्यता रखता है। ये उच्च सामर्थ्य की सार्थकता है। सबसे पहला कंप्यूटर मैकेनिकल था जो चार्ल्स बेबेज द्वारा बनाया गया था। कोई भी कंप्यूटर ठीक ढ़ंग से काम करने के लिये अपने हार्डवेयर और इंस्टॉल्ड ऐप्लिकेशन सॉफ्टवेयर की सहायता लेता है। यूपीएस, सीपीयू, प्रिंटर, माउस, की-बोर्ड आदि कंप्यूटर की सहयोगी सामाग्री है।
किसी डिवाइस के माध्यम से कंप्यूटर में डाले गए किसी भी डेटा को इनपुट डेटा और उसमें सहायक डिवाइस को इनपुट डिवाइस कहते है और जो डेटा हमें बाहर से प्रिंटर आदि के माध्यम से प्राप्त होता है उसे आउटपुट डेटा और इसमें उपयोग हुये डिवाइस को आउटपुट डिवाइस कहते है। कंप्यूटर में दिया गया इनपुट डेटा सूचना में परिवर्तित हो जाता है जिसे किसी भी समय संग्रहित या बदलाव किया जा सकता है। कंप्यूटर, डेटा को संग्रहित करने का सुरक्षित हथियार है जिसका विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग होता है। इसके माध्यम से हमलोग बिल जमा कर सकते है, खरीदारी कर सकते है, विडियो चैट, ईमेल, मैसेजिंग आदि कार्य दुनिया के किसी भी कोने से कर सकते है।

 

कंप्यूटर पर निबंध 3 (200 शब्द)

कंप्यूटर एक नवीनतम तकनीक है जो ज्यादातर जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है। ये कम समय लेकर ज्यादा से ज्यादा कार्य को संभव बनाता है। ये कार्यस्थल पर व्यक्ति के श्रम को कम कर देता है अर्थात कम समय और कम श्रम शक्ति उच्च स्तर का आउटपुट प्रदान करता है। आधुनिक समय में बिना कंप्यूटर के जीवन एक कोरी कल्पना सी है। हमलोग कंप्यूटर में इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकते है जो बेहद कम समय में जरुरी जानकारी उपलब्ध कराता है। व्यक्ति के जीवन में इसका बड़ा योगदान है क्योंकि इसका प्रयोग अब हर क्षेत्र में है और ये हर क्षण हमारे सहायक के रुप में मौजूद रहता है। पुराने समय के कंप्यूटर कम प्रभावशाली तथा कार्य सीमित था जबकि आधुनिक कंप्यूटर बेहद क्षमतावान, संभालने में आसान तथा ज्यादा से ज्यादा कार्यों को संपादित कर सकते है।

भावी पीढ़ी के कंप्यूटर और प्रभावी होंगे साथ ही कार्यात्मक क्षमता भी बढ़ती चली जाएगी। इसने हम सबके जीवन को आसान बना दिया है। इसके माध्यम से हम कुछ भी आसानी से सीख सकते है तथा अपने हुनर को और निखार सकते है। हमलोग चुटकियों में किसी भी सेवा, उत्पाद या दूसरी चीजों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते है। कंप्यूटर में लगे इंटरनेट के द्वारा हम कुछ भी खरीदारी कर सकते है जिससे घर में बैठे-बैठे मुफ्त डिलिवरी प्राप्त कर सकते है। इससे हमारे स्कूल प्रोजेक्ट में भी खूब मदद मिलती है।

 

कंप्यूटर पर निबंध 4 (250 शब्द)

पूरे मानव बिरादरी के लिये विज्ञान का अनोखा और पथप्रदर्शन करने वाला उपहार है कंप्यूटर। ये किसी भी प्रकृति का कार्य कर सकता है। किसी के भी द्वारा इसे संभालना सरल है और सीखने के लिये बहुत कम समय लगता है। अपने सुगमता और कार्यक्षमता के कारण इसका प्रयोग व्यापक तौर पर होता है जैसे- ऑफिस, बैंक, होटल, शिक्षण संस्थान, स्कूल, कॉलेज, दुकान, उद्योग आदि। कई लोग अपने बच्चों के लिये लैपटॉप और डेस्कटॉप खरीदते है जिससे अपनी पढ़ाई से संबंधित कार्य और कंप्यूटरीकृत विडियों खलों का आनंद ले सकें।

कंप्यूटर एक बड़ा शब्दकोष और बड़ा स्टोरेज डिवाइस है जो किसी भी तरह के डेटा को सुरक्षित रखने के लिये है जैसे- कोई भी जानकारी, पढ़ाई से संबंधित सामाग्री, प्रोजेक्ट, फोटो, विडियो, गाना, खेल, आदि। ये एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो गणना करने तथा बड़ी समस्याओं को सुलझाने में दक्ष है। ये हमारे कौशल को बढ़ाने में और आसानी से जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है। ये एक डेटा आधारित मशीन है। ये कई सारे टूल्स उपलब्ध कराता है जैसे- टेक्स्ट टूल्स, पेंट टूल्स आदि जो बच्चों के लिये बहुत फायदेमंद है और विद्यार्थी इसे प्रभावपूर्ण रुप में उपयोग कर सकते हैं।

हम इसका प्रयोग बड़े और छोटे गणितीय गणनाओं के लिये सटीक ढ़ंग से कर सकते है। इसका उपयोग मौसम की भविष्यवाणी, किताब, न्यूज पेपर, डाइग्नोजिंग बिमारी की छपाई आदि के लिये किया जा सकता है। इसका इस्तेमल दुनिया के किसी भी कोने से ऑनलाइन रेलवे आरक्षण, होटल या रेस्टोरेंट की बुकिंग के लिये किया जाता है। बड़ी एमएनसी कंपनियों में भी इसका प्रयोग व्यापक है जिसमें खाता, इनवॉइस, पे-रोल, स्टॉक नियंत्रण आदि के लिये होता है।

 

कंप्यूटर पर निबंध 5 (300 शब्द)

तकनीकी उन्नति के आधुनिक संसार में, हमारे लिये विज्ञान के द्वारा कंप्यूटर एक अद्भूत भेंट है। इसने लोगों की जीवन शैली और आदर्श को बदल दिया है। कोई भी बिना कंप्यूटर के खुद को नहीं सोच सकता क्योंकि इसने कम समय में ज्यादा कार्य को आसान बना दिया है। विकसित देशों के विकास में कंप्यूटर का बड़ा योगदान रहा है। ये केवल स्टोरेज और प्रौद्योगिकी डिवाइस नहीं है बल्कि ये किसी फरिश्ते की तरह है जो कुछ भी कर सकता है। कई लोगों द्वारा इसे मनोरंजन और संचार के लिये इस्तेमाल किया जाता है।

ई-मेल, विडियो चैट, का उपयोग कर नाम मात्र के समय में हमलोग अपने मित्र, रिश्तेदार, माता-पिता या किसी से भी जुड़ सकते है। कंप्यूटर में इंटरनेट का इस्तेमाल कर हम किसी भी विषय की जानकारी खोज या प्राप्त कर सकते है जो हमारे प्रोजेक्ट या शिक्षा संबंधी कार्यों के लिये मददगार हो। ये व्यापारिक लेनदेन के लिये भी बेहद आसान और सुरक्षित है। इसमें डेटा स्टोरेज की सुविधा की वजह से सरकारी, गैर-सरकारी, स्कूल, कॉलेज, आदि सभी जगहों पर कागजों की बचत होती है। घर से ही ऑनलाइन खरीदारी, बिल जमा करना आदि से व्यक्ति अपने समय और ऊर्जा की बचत कर सकता है।

अपने पेशेवर जीवन में विद्यार्थीयों की सुगमता के साथ ही कौशल में निखार के लिये स्कूल, कॉलेज, और दूसरे शिक्षण संस्थानों में भारत सरकार द्वारा कंप्यूटर शिक्षा को अनिवार्य बना दिया गया है। आज के आधुनिक समय की नौकरियों के लिये कंप्यूटर सीखना जरुरी बनता जा रहा है। इसमें दक्ष होने के लिये उच्च शिक्षा में नेटवर्क एडमिनिस्ट्रेशन, हार्डवेयर मेंटेनेंस, सॉफ्टवेयर इंस्टॉलेशन आदि विषय जुड़े हुये है।

 

कंप्यूटर पर निबंध 6 (400 शब्द)

कंप्यूटर के आविष्कार ने बहुतों के सपनों को साकार किया है यहाँ तक कि हम अपने जीवन की कल्पना बिना कंप्यूटर के नहीं कर सकते। सामानयत: ये एक ऐसा डिवाइस है जिसका इस्तेमाल कई सारे उद्देश्यों के लिये किया जाता है जैसे- सूचनाओ को सुरक्षित रखना, ई-मेल, मैसेजिंग, सॉफ्टवेयर प्रोग्रामिंग, गणना, डेटा प्रौसेसिंग आदि। डेस्कटॉप कंप्यूटर को कार्य करने के लिये सीपीयू, यूपीएस, कीबोर्ड, और MOUSE की जरुरत पड़ती है जबकि लैपटॉप में ये सबकुछ पहले से मौजूद रहता है। बड़ी मेमोरी के साथ ये एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो कोई भी डेटा को सुरक्षित रख सकता है। 21वीं सदी में कंप्यूटर की आधुनिक दुनिया में हमलोग जा रहे है।

इससे पहले की पीढ़ीयों के कंप्यूटर बेहद सीमित कार्य करते थे जबकि आधुनिक समय के कंप्यूटर ढ़ेर सारे कार्यों को अंजाम दे सकता है। चार्ल्स बेबेज ने पहला मेकैनिकल कंप्यूटर बनाया था जो आज के जमाने के कंप्यूटर से बहुत अलग था। कंप्यूटर के आविष्कार का लक्ष्य था एक ऐसी मशीन को उत्पन्न करना जो बहुत तेजी से गणितीय गणना कर सके। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान दुश्मनों के हथियारों की गति और दिशा का अनुमान तथा उनकी सही स्थिति का पता लगाना था। आज के कंप्यूटर कृत्रिम बुद्धिमत्ता तकनीक से युक्त है जो जीवन के हर क्षेत्र में मदद करते है।

नई पीढ़ी का कंप्यूटर अत्यधिक उन्नत होते है अर्थात छोटे, हल्के, तेज, और बहुत शक्तिशाली। आज के दिनों में इसका इस्तेमाल हर व्यवसाय में हो रहा है जैसे- परीक्षा, मौसम की भविष्यवाणी, शिक्षा, खरीदारी, ट्रैफिक नियंत्रण, उच्च स्तर की प्रोग्रामिंग, रेलवे टिकट बुकिंग, मेडिकल क्षेत्र, व्यापार आदि। इंटरनेट के साथ ये सूचना तकनीक का मुख्य आधार है और इसने साबित किया कि आज के समय में कुछ भी असंभव नहीं है। इंसानों के लिये कंप्यूटर के सैकड़ों फायदे है तो साइबर अपराध, अश्लील वेबसाइट, जैसे नुकसान भी शामिल है जिसकी पहुँच हमारे बच्चों और विद्यार्थीयों तक आसानी से हो जाती है। कुछ उपायों के द्वारा हम इसके नकारात्मक प्रभावों से बच सकते है।

आज मानव बिरादरी की कंप्यूटर तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता बढ़ती जा रही है। कोई भी अपने जीवन की कल्पना बिना कंप्यूटर के नहीं कर सकता, क्योंकि इसने हर जगह अपने पैर पसार लिये है और लोग इसके आदि बन चुके है। ये किसी भी दर्जे के विद्यार्थी के फायदेमंद है। वो इसका इस्तेमाल प्रोजेक्ट बनाने के लिये, कविता सीखने के लिये, कहाँनियों के लिये, परीक्षा संबंधी नोट्स डाउनलोड करने के लिये, सूचना इकट्ठा करना आदि के लिये बेहद कम समय में कर सकते है। ये विद्यार्थीयों के कौशल विकास में बढ़ौतरी के साथ नौकरी पाने में सहायक भी होता है।

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध essay science and technology

विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में नए अविष्कारों ने लोगों की दैनिक जीवन-शैली को आधुनिक और उन्नत बनाने में महान भूमिका निभाई है। विद्यार्थियों को वर्तमान से जोड़े रखने और नए अविष्कारों के बारे में उनके सामान्य ज्ञान का परीक्षण करने के लिए, उन्हें विज्ञान और तकनीकी के विषय पर निबंध लिखने को दिया जा सकता है। हम यहाँ विद्यार्थियों की निबंध प्रतियोगिता में बेहतर निबंध लिखने में मदद करने के उद्देश्य से विज्ञान और तकनीकी पर कुछ सरल और आसान निबंध उपलब्ध करा रहे हैं।

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध 1 (100 शब्द)

बहुत से क्षेत्रों में विज्ञान और तकनीकी की उन्नति ने लोगों के जीवन को प्राचीन समय से अधिक उन्नत बना दिया है। विज्ञान और तकनीकी की उन्नति ने एक तरफ लोगों की जीवन-शैली को प्रत्यक्ष और सकारात्मक रुप से प्रभावित किया है हालांकि, दूसरी ओर इसने लोगों के स्वास्थ्य पर अप्रत्यक्ष और नकारात्मक प्रभाव भी डाला है। इस आधुनिक दुनिया में एक देश के लिए दूसरे देशों से मजबूत, ताकतवर और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में नए अविष्कार करना बहुत आवश्यक है। इस प्रतियोगी समाज में, हमें आगे बढ़ने और जीवन में सफल व्यक्ति बनने के लिए अधिक तकनीकियों की जरुरत है।

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध 2 (150 शब्द)

विकास, चाहे वो देश का हो या फिर व्यक्ति का, यह बहुत तरीकों से तकनीकियों की उचित वृद्धि और विकास से जुड़ा हुआ है। तकनीकी उन्नति वहाँ होती है, जहाँ विज्ञान में उच्च कौशल और पेशेवर वैज्ञानिकों के द्वारा नए अविष्कार होते हैं। हम यह कह सकते हैं कि तकनीकी, विज्ञान और विकास में एक दूसरे की समान भागीदारी है। विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में विकास किसी भी देश के लोगों के लिए दूसरे देश के लोगों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए बहुत अधिक आवश्यक है। विज्ञान और तकनीकी का विकास तथ्यों के विशलेषण और उचित समझ पर निर्भर करता है। प्रौद्योगिकी का विकास सही दिशा में विभिन्न वैज्ञानिक ज्ञान के आवेदन के तरीकों पर निर्भर करता है।

किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और लोगों के जीवन को बेहतर करने के लिए, नवीनतम ज्ञान, प्रौद्योगिकी, विज्ञान और अभियंता (इंजीनियरिंग) आवश्यक मौलिक वस्तुएं हैं। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के अभाव में एक देश पिछड़ जाता है और उसके विकसित करने की संभावनाएं कम से कम हो सकती हैं।

 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निबंध 3 (200 शब्द)

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि, हम विज्ञान और तकनीकी के समय में रह रहे हैं। हम सभी का जीवन वैज्ञानिक अविष्कारों और आधुनिक समय की तकनीकियों पर बहुत अधिक निर्भर है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने लोगों के जीवन को बड़े स्तर पर प्रभावित किया है। इसने जीवन को आसान, सरल और तेज बना दिया है। नए युग में, विज्ञान का विकास बैलगाड़ी के युग को समाप्त करके मोटर चलित वाहनों की प्रवृत्ति लाने के लिए बहुत अधिक आवश्यक हो गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण के हर पहलू को प्रत्येक राष्ट्र में लागू किया गया है। जीवन के हरेक क्षेत्र को सही ढ़ंग से संचालित करने और लगभग सभी समस्याओं को सुलझाने के लिए आधुनिक उपकरणों की खोज की गई है। इसे चिकित्सा, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, उर्जा निर्माण, सूचना प्रौद्योगिकी और अन्य क्षेत्रों में लागू किए बिना सभी लाभों को प्राप्त करना संभव नहीं था।

हमने अपने दैनिक जीवन में जो कुछ भी सुधार देखे हैं, वो सब केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास के कारण है। देश के उचित विकास और वृद्धि के लिए, विज्ञान और प्रौद्योगिकी का साथ-साथ चलना बहुत आवश्यक है। गाँव अब कस्बों के रुप में और कस्बें शहरों के रुप में विकसित हो रहे हैं और इस प्रकार से अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में भी विकास हुआ है। हमारा देश भारत विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दृष्टि से तेजी से विकास करता हुआ देश है।

 

विज्ञान और तकनीकी (प्रौद्योगिकी) पर निबंध 4 (250 शब्द)

समाज में विज्ञान और तकनीकी वाद-विवाद का विषय बन गए हैं। एक तरफ तो यह अधुनिक जीवन के लिए आवश्यक है, जहाँ अन्य देश तकनीकी और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर विकास कर रहे हैं, वहीं यह अन्य देशों के लिए भी आवश्यक हो जाता है कि, वे भी इसी तरह से भविष्य में सुरक्षा के लिए ताकतवर और अच्छी तरह से विकसित होने के लिए वैज्ञानिक विकास बहुत अधिक जरुरी हो गया है। ये विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही है, जिन्होंने अन्य कमजोर देशों को भी विकसित और ताकतवर बनने में मदद की है। मानवता के भले के लिए और जीवन के सुधार के लिए हमें हमेशा विज्ञान और प्रौद्योगिकी की मदद लेनी होगी। यदि हम तकनीकियों की मदद नहीं लेते; जैसे- कम्प्यूटर, इंटरनेट, विजली, आदि तो हम भविष्य में कभी भी आर्थिक रुप से मजबूत नहीं होगें और हमेशा पिछड़े हुए ही रहेगें यहाँ तक कि, हम इस प्रतियोगी और तकनीकी संसार में जीवित भी नहीं रह सकते हैं।

चिकित्सा, शिक्षा, अर्थव्यवस्था, खेल, नौकरियाँ, पर्यटन आदि विज्ञान और प्रौद्योगिकियों के उदाहरण है। ये सभी उन्नति हमें दिखाती हैं कि, कैसे दोनों हमारे जीवन के लिए समानरुप से आवश्यक है। हम अपनी जीवन-शैली में प्राचीन समय के जीवन के तरीकों और आधुनिक समय के जीवन के तरीकों की तुलना करके स्पष्ट रुप में अन्तर देख सकते हैं। चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च स्तर की वैज्ञानिक और तकनीकी उन्नति ने बहुत सी खतनाक बीमारियों के इलाज को सरल बना दिया है जो पहले संभव नहीं था। यह बीमारी का इलाज दवाईयों और ऑपरेशन के माध्यम से करने में चिकित्सकों (डॉक्टरों) की प्रभावी ढ़ंग से मदद करने के साथ ही भंयकर बीमारियों, जैसे- कैंसर, एड्स, मधुमेह (डायबीटिज़), एलज़ाइमर, लकवा आदि के टीकों के शोध में भी मदद करता है।

 

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध 5 (300 शब्द)

विज्ञान और तकनीकी का लोगों के जीवन में लागू करना बहुत ही पुराना तरीका है, जो सिंधु घाटी सभ्यता के समय से प्रचलन में है। यह पाया गया है कि, आग और पहिये की खोज करने के लिए लगभग पाँच अविष्कार किए गए थे। दोनों ही अविष्कारों को वर्तमान समय के सभी तकनीकी अविष्कारों का जनक कहा जाता है। आग के अविष्कार के माध्यम से लोगों ने ऊर्जां की शक्ति के बारे में पहली बार जाना था। तभी से, लोगों में रुचि बढ़ी और उन्होंने जीवन-शैली को सरल और आसान बनाने के लिए बहुत से साधनों पर शोध के और अधिक कठिन प्रयास करने शुरु कर दिए।

भारत प्राचीन समय से ही पूरे संसार में सबसे अधिक प्रसिद्ध देश है हालांकि, इसकी गुलामी के बाद, इसने अपनी पहचान और ताकत को खो दिया था। 1947 में स्वतंत्रता प्राप्त करने के बाद, इसने भीड़ में अपनी खोई हुई ताकत और पहचान को दुबारा से प्राप्त करना शुरु कर दिया है। वो विज्ञान और प्रौद्योगिकी ही थे, जिन्होंने पूरे विश्व में भारत को अपनी वास्तविक पहचान को प्रदान किया है। भारत अब विज्ञान और उन्नत तकनीकी के क्षेत्र में अपने नए अविष्कारों के माध्यम से तेजी से विकास करने वाला देश बन गया है। विज्ञान और तकनीकी आधुनिक लोगों की आवश्यकता और जरुरतों को पूरा करने के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

तकनीकी में उन्नति के कुछ उदाहरण, रेलवे प्रणाली की स्थापना, मैट्रो की स्थापना, रेलवे आरक्षण प्रणाली, इंटरनेट, सुपर कम्प्यूटर, मोबाइल, स्मार्ट फोन, लगभग सभी क्षेत्रों में लोगों की ऑलाइन पहुँच, आदि है। भारत की सरकार बेहतर तकनीकी विकास के साथ ही देश में विकास के लिए अंतरिक्ष संगठन, और कई शैक्षणिक संस्थाओं (विज्ञान में उन्नति के लिए भारतीय संगठन) में अधिक अवसरों का निर्माण कर रही है। भारत के कुछ प्रसिद्ध वैज्ञानिक जिन्होंने भारत में (विभिन्न क्षेत्रों में अपने उल्लेखनीय वैज्ञानिक शोध के माध्यम से) तकनीकी उन्नति को संभव बना दिया, उनमें से कुछ सर जे.सी. बोस, एस.एन. बोस, सी.वी. रमन, डॉ. होमी जे. भाभा, श्रीनिवास रामानुजन, परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ. हर गोबिंद सिंह खुराना, विक्रम साराभाई आदि है।

विज्ञान और तकनीकी पर निबंध 6 (400 शब्द)

विज्ञान और प्रौद्योगिकी आधुनिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और इसने मानव सभ्यता को गहराई में जाकर प्रभावित किया है। आधुनिक जीवन में तकनीकी उन्नति ने पूरे संसार में हमें बहुत अधिक उल्लेखनीय अंतर्दृष्टि दी है। वैज्ञानिक क्रान्तियों ने 20वीं शताब्दी में अपनी पूरी गति पकड़ी और 21वीं सदी में और भी अधिक उन्नत हो गई। हमने नए तरीके और लोगों के भले के लिए सभी व्यवस्थाओं के साथ नई सदी में प्रवेश किया है। आधुनिक संस्कृति और सभ्यता विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर निर्भर हो गई है क्योंकि वे लोगों की जरुरत और आवश्यकता के अनुसार जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं।

भारत रचनात्मक और मूलभूत वैज्ञानिक विकास और सभी दृष्टिकोणों में दुनिया भर में का एक महत्वपूर्ण स्रोत बन गया है। सभी महान वैज्ञानिक खोजों और तकनीकी उपलब्धियों ने हमारे देश में भारतीय आर्थिक स्थिति को सुधारा है और तकनीकी रूप से उन्नत वातावरण को विकसित करने के लिए नई पीढ़ी के लिए कई नए तरीकों का निर्माण किया है। गणित, आर्किटेक्चर, रसायन विज्ञान, खगोल विज्ञान, चिकित्सा, धातुकर्म, प्राकृतिक दर्शन, भौतिक विज्ञान, कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मास्यूटिकल्स, खगोल भौतिकी, परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, आवेदन, रक्षा आदि के क्षेत्र में कई नए वैज्ञानिक शोध और विकास संभव हो गए हैं।

शिक्षा के क्षेत्र में वैज्ञानिक शोध, विचारों और तकनीकों का परिचय नई पीढ़ी में बड़े स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन लाया है और उन्हें अपने स्वयं के हित में काम करने के लिए नए और अभिनव के अवसरों की विविधता प्रदान की है। भारत में आधुनिक विज्ञान ने लोगों को वैज्ञानिकों ने अपने निरंतर और कठिन प्रयासों से जागृत कर दिया है। भारत के वैज्ञानिक महान है, जिन्होंने उच्चतम अंतर्राष्ट्रीय कैलिबर की वैज्ञानिक प्रगति को संभव किया है।

किसी भी क्षेत्र में तकनीकी विकास किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाता है। भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकी की शक्ति में सुधार के लिए भारत सरकार ने वर्ष 1942 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद और 1940 में वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान के बोर्ड का निर्माण किया। देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास पर जोर देने के लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं और विभिन्न क्षेत्रों में अनुसंधान संस्थानों की एक श्रृंखला स्थापित की है।

आजादी के बाद, देश के राष्ट्रीय विकास के लिए हमारे देश ने विज्ञान के प्रसार और विस्तार को बढ़ावा देना शुरु किया है। सरकार द्वारा बनाई गई विभिन्न नीतियों ने पूरे देश में आत्मनिर्भरता और टिकाऊ विकास और वृद्धि पर जोर दिया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी दोनों ने ही देश में असाधारण ढंग से आर्थिक विकास और सामाजिक विकास पर असर डाला है।