Header Ads

test

HOW TO PROTECT ENDANGERED ANIMALS IN HINDI

clip_image002वे जीव जो विभिन्न कारणों से धीरे-धीरे लुप्त हो रहे हैं और जिनको संरक्षण की आवश्यकता है उन जीवो को विलुप्त प्राय जीव कहते हैं। यदि इनका संरक्षण नहीं किया गया तो वे धीरे धीरे लुप्त हो जायेंगे। भारत के कुछ विलुप्त प्राय जीवों में जंगली गदहा, एक सींग वाला गैंडा, तेंदुआ, नीलगिरि के लंगूर, कस्तूरी मृग,, सफेद गैंडा तथा अजगर हैं। ये जानवर पहले बहुतायत में पाए जाते थे लेकिन विभिन्न कारणों से इनकी संख्या में भारी कमी आई है जिससे ये लुप्त होने की कगार पर पहुँच गए है 

क्या आप  कुछ लुप्तप्राय प्रजातियों को जानते है ऐसे जानवरों को किस प्रकार सरक्षित किया जा सकता है  उनके सरंक्षण के उपाय क्या है ये जाने :
1
प्रकृति भंडार और अन्य जंगल क्षेत्रों में योगदान:- आवास संरक्षण लुप्त प्राय जानवरों की रक्षा का एक सबसे अच्छा मदद उपाय है.
2
पर्यावरण के अनुकूल सामान खरीद कर :- पर्यावरण के अनुकूल सामान खरीदें. गैर विषैले क्लीनर खरीदें और किसी भी उत्पाद है जो लुप्तप्राय जानवरों से बनाया गया है खरीदने से बचें. उदाहरण के लिए, कार्बनिक चॉकलेट, कॉफी या सूती कपड़े, जंगली जानवरों की खाल से बनाये उत्पाद
3
पारंपरिक डिजाइन के प्रयोग से हम विलुप्त जीवो को सरंक्षित कर सकते है -  एक तितली उद्यान संयंत्र में, देशी पौधों और पेड़ों का उपयोग करें और "जंगली" क्षेत्रों के लिए आवास और भोजन उपलब्ध करा कर |
4
एक स्थानीय, राष्ट्रीय या वैश्विक संरक्षण संगठन में शामिल हों कर :- कुछ संगठन एक विशेष लुप्तप्राय जानवर पर ध्यान केन्द्रित करते है जबकि हमें अन्य सभी लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए व्यापक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए

मैं नीचे कुछ बातें जो वन्य जीवों के संरक्षण और लुप्तप्राय प्रजातियों की मदद हो सकती है वह लिख रहा हूँ

1. ग्रीनपीस और विश्व वन्यजीव कोष जैसे संगठनो ने खुद को इसी लक्ष्य के लिए समर्पित कर दिया है यह पृथ्वी और उसके पारिस्थितिकी की रक्षा करता है. कई स्वयंसेवी कार्यकर्त्ता पर्यावरण के लिए इन संगठनों में शामिल होते है आप भी इन जैसे कुछ अंतरराष्ट्रीय / स्थानीय संगठनों को खोज सकते है और उनमे शामिल हो सकते है.

2. बहिष्कार फर्र कोट और उन दवाइयों  का जिन्हें दुर्लभ जानवरों से बनाया है -  हमें उन सभी चीजो का बहिष्कार करना चाहिए जो जानवरों के अंगो से बनी हो जानवरों के अंगो से बने गहने जैसे हाथी दांत के तरह तरह के उत्पाद या बेबी हिरनों की उनकी त्वचा के लिए हत्या कर दी जाति है क्योंकि इनसे महंगा कोट बनता है  क्योंकि इस तरह की चीजों की मांग बहुत जयादा है इसलिए ये चीजे महँगी और बनाई जाती है हमें इन चीजो की उपेक्षा करनी चाहिए |

3. इस अन्याय के खिलाफ अपनी आवाज उठाएँ. तरह तरह के तरीको से जैसे शांतिपूर्ण विरोध, मानव श्रृंखला, याचिका और रैली कर आप भी दिल से  महसूस करिए की इस मुद्दे पर क्या किया जा सकता है और यह कैसे हल किया जा सकता इस तरह के अपने विचारों को बताते हुए आप सरकार को तार्किक पत्र सकते हैं.

4. स्थानीय लोगों के बीच इस विषय पर जागरूकता बढ़ाने की कोशिश करें. लोगो से संपर्क करें या इंटरनेट के माध्यम से या एक अन्य रास्ता ब्लॉगिंग व् सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट है जिनमे आप जानवरों को क्या खतरा है और जानवरों के न होने से हम भी खतरे में है और हम क्या उन्हें मदद कर सकते है. आप इस तरह की पोस्ट कर सकते है,

5. रीसायकल और पुनः प्रयोग. यह करने के से  अतिआवश्यक प्राकर्तिक संसाधनों और जीवो का सरंक्षण हो सकेगा केवल पेड़ों की कटाई भरी तादाद में नहीं होगी और  जंगली जानवरों के निवास स्थान को छेड़ा नहीं जायेगा 

6. सरकारों को आगे आना चाहिए और जानवरों के लिए अधिक सुरक्षित क्षेत्रों की व्यवस्था करनी चाहिए जहाँ  जंगली जानवर शिकार व् शिकारियों के बारे में चिंता किए बिना स्वतंत्र रूप से विचरित करने में सक्षम हो इसके लिए राष्ट्रीय उद्यानों को बनाना चाहिए. सरकारों को अवैध  शिकार रोकने के सख्त कानून लागू करना चाहिए.

7. आप स्थानीय पक्षियों खाना खिला सकते हैं.

८. खुशी मजे के लिए शिकार नहीं किया जाना चाहिए .

10. विषय में कई विभिन्न गैर लाभ संगठनों एन. जी. ओ.  है जो वन्य जीवों की रक्षा के काम में लगी है आप उन संस्थाओं के लिए पैसा या पौधों बीजो का दान कर सकते हैं, आप विश्व वन्यजीव कोष में भी दान कर सकते है

सरक्षण परियोजनाओं में निम्न कार्य शामिल हैं:
        * निगरानी घोंसले के शिकार
        * वन्य जीवन के साथ मदद बचाता है
        * कंप्यूटर और कार्यालय सहायता
        * मूंगा चट्टान अनुसंधान
        * भोजन
        * वनीकरण
           नई पिंजरों और घोंसला बक्से निर्माण
        * आगंतुकों के लिए पर्यटन का आयोजन
           पर्यावरण शिक्षा परियोजनाओं पर स्कूली बच्चों के साथ
         






No comments

please write your mail id for contact: